
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को केवल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की चुनौती नहीं दे रहे हैं, बल्कि राजस्थान का हर वह युवा अब खुलेआम बगावत कर रहा है, जिसने 5 साल तक विपक्ष में रहते हुए सचिन पायलट के साथ संघर्ष किया है।
एक दिन पहले ही जान उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कांग्रेस के 30 विधायकों और कुछ निर्दलीय विधायकों के अपने समर्थन में होने और इसके चलते अशोक गहलोत की सरकार के अल्पमत में आने का दावा किया तो दूसरे दिन प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से सचिन पायलट के पोस्टर हटा दिए गए।
जब इसकी जानकारी यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई को चली तो युवाओं ने फिर से जाकर सचिन पायलट का एक बड़ा बैनर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर लगा दिया।
यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष मुकेश भाकर जहां सचिन पायलट के साथ मानेसर स्थित एक होटल में हैं, वहीं एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु पूनिया और राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अनिल चोपड़ा के साथ उनके समर्थकों ने पीसीसी पर सचिन पायलट का एक बड़ा बैनर टांग दिया।
दूसरी तरफ एक ट्विटर के माध्यम से नागौर की लाडनूं विधानसभा क्षेत्र से विधायक मुकेश भाकर ने खुलकर अशोक गहलोत को चुनौती दे डाली है। उन्होंने साफ लिखा है कि कांग्रेस में निष्ठा का मतलब अशोक गहलोत की गुलामी है, और वह उनको मंजूर नहीं है।
गुर्जर समाज के युवा नेताओं ने भी खुलकर अशोक गहलोत के खिलाफ सोशल मीडिया पर युद्ध छेड़ दिया है। इसके साथ ही मीणा और जाट समाज की युवा लीडर्स ने भी अशोक गहलोत को चुनौती देते हुए कांग्रेस से कहा है कि जब तक गहलोत मुख्यमंत्री है, तब तक कांग्रेस का सूपड़ा साफ रहेगा।
2 दिन पहले शुरुआती अभियान अब धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ता जा रहा है और कांग्रेस पार्टी के भीतर ही युवा नेतृत्व सरकार और कांग्रेस पार्टी को छोड़कर सचिन पायलट के साथ खड़ा होता हुआ नजर आ रहा है।
माना जा रहा है कि विपक्ष में रहते हुए लगातार 5 साल तक पार्टी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने गांव गांव, ढाणी ढाणी और कस्बे कस्बे में जो मेहनत की और युवाओं के साथ संपर्क किया, उसी का परिणाम है कि आज संकट के समय कांग्रेस का युवा सचिन पायलट के साथ खड़ा हुआ नजर आ रहा है।