
जयपुर।
राजस्थान में 19 जून को होने वाले तीन सीटों के राज्यसभा चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस पार्टी और राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इज्जत दांव पर लग गई।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष सचिन पायलट के द्वारा अपने सभी विधायकों को दिल्ली रोड पर स्थित एक होटल में बंद कर दिया गया है, इसको लेकर विपक्ष हमलावर है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी के विधायकों को खरीदने के लिए भारतीय जनता पार्टी 25 करोड़ दे रही है, जबकि इस को लेकर भाजपा ने सबूत पेश करने की चुनौती दी है।
दूसरी तरफ कोरोना की तमाम पाबंदियों के बावजूद 100 से ज्यादा विधायकों को एक होटल में ठहराया जाने और नियम कायदों को ताक में रखने को लेकर नागौर के सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक हनुमान बेनीवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तीखा सियासी हमला बोला है।
हनुमान बेनीवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तमाम तरह के सवाल डालते हुए फेसबुक पोस्ट और ट्विटर अकाउंट पर एक के बाद एक तमाम ट्वीट करके सरकार को सवालों के घेरे में लिया है।

फेसबुक पर यह लिखा है हनुमान बेनीवाल ने
“राजस्थान के मुख्यमंत्री जी जब खुद अपनी पार्टी के विधायक नही संभाल पा रहे है ऐसे में वो दुसरी पार्टी में सैन्ध कैसे करेंगे ?
गहलोत जी खुद कोरोना के संक्रमण के बावजूद मेडिकल प्रोटोकॉल की अवेहलना करके एक होटल मे खुद की पार्टी के विधायको की बाड़े बंदी करवाकर बैठे है ऐसे में जाहिर है उन्हें खुद की पार्टी के विधायकों पर भरोशा नही है और इस प्रकार बाड़ेबंदी करना चुने हुए विधायको का अपमान है जबकी आरएलपी के तीनों विधायक अपने-अपने क्षेत्र में जनता के मध्य है !
रालोपा ने जमीनी संघर्ष करके पहचान बनाई है ऐसे में मुख्यमंत्री जी उस वहम नही रहे क्योंकि रालोपा रालोपा है,बसपा नही ! मेरी लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ से जुड़े मित्रो से अपील है कि किसी मामले को बिना अधिकृत पुष्टि के प्रसारित नही करे !
कुछ लोग जो नैतिकता को परे रखकर अपनी मीडिया की जिम्मेदारी के स्थान पर दल विशेष के प्रवक्ता का जिम्मा ज्यादा संभाल रहे है,उनसे मेरा अनुरोध है की मीडिया की मजबूती से ही लोकतंत्र मजबूत होगा ऐसे में मीडिया को मजबूत करने का कार्य करे !
RLP का प्रत्येक निर्णय जनता के सम्मान से जुड़ा हुआ है ! RLP राज्य सभा चुनाव को लेकर पार्टी के विधायकों के सम्बंध में गहलोत प्रायोजित सभी संभावनाओं का खंडन करती है।”

उल्लेखनीय है कि अशोक गहलोत ने खुद के विधायकों के अलावा भी भारतीय जनता पार्टी के 72 राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के 3 विधायकों में से 2 विधायकों पर सेंधमारी करने और खुद के पक्ष में वोट दिए जाने का दावा किया था।