
नेशनल दुनिया, जयपुर।
नागौर के सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को आइना दिखा दिया है। हनुमान बेनीवाल ने सीधे अटैक करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनकी सत्ता को चुनौती दी है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का कर दिया बहिष्कार
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान के जनप्रतिनिधियों के साथ राज्य में कोरोनावायरस को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थी, जिसमें रालोपा के संयोजक हनुमान बेनीवाल ने यह कहकर बहिष्कार कर दिया कि राज्य में कानून व्यवस्था बद से बदतर हो चुकी है, ब्यूरोक्रेसी नैतिकता खो चुकी है।
ट्वीट करके दी जानकारी
हनुमान बेनीवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग वाले कार्यक्रम का न केवल बहिष्कार किया, बल्कि अपने समर्थकों को और राज्य की जनता को ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी कि प्रदेश में ब्यूरोक्रेसी हावी है और जनता के कोई काम नहीं हो रहे हैं। इसलिए मुख्यमंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग दिखावा मात्र है।
विभागों में लंबित भर्तियों का मामला उठाया
सांसद हनुमान बेनीवाल ने बताया कि विभिन्न विभागों में लंबित भर्तियों को लेकर उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बार-बार अवगत करवाया, लेकिन इसको लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया, इसलिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का बहिष्कार किया गया है।
जनहित के मुद्दे किए दरकिनार
एक अन्य ट्वीट में हनुमान बेनीवाल ने जानकारी दी कि राजस्थान की सरकार ने जनहित के मुद्दों को दरकिनार कर दिया है और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए झूठी वाहवाही लूटने का काम किया जा रहा है। इसलिए राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी इसका बहिष्कार करती है।
ब्यूरोक्रेसी ने खोली नैतिकता
एक और ट्वीट करके हनुमान बेनीवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोविड-19 की महामारी से तो देश बाहर आ जाएगा लेकिन राज्य की ब्यूरोक्रेसी ने जो नैतिकता खोई है, उसको कैसे हासिल करोगे? इसलिए राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने तय किया है कि मुख्यमंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में हिस्सा नहीं लिया जाएगा।