
नेशनल दुनिया
कोविड-19 के वैश्विक महामारी के बीच केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कृषि कार्यों को लेकर केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी देने के लिए आज पत्रकारों से वीडियो प्रेस कॉन्फ्रेंस की है।
उन्होंने केंद्र सरकार के द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी और इसके साथ ही राजस्थान सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि 2018 के बाद में फसल बीमा की किस्त जमा नहीं होने के कारण किसानों को अब तक भी मुआवजा नहीं मिला है।
इसके साथ ही कैलाश चौधरी ने मजाकिया लहजे में कहा कि अगर इस वैश्विक महामारी के वक्त हैं, यदि राहुल गांधी प्रधानमंत्री होते तो हमारी और आपकी दोनों की तस्वीरें दीवारों पर टंकी होती है।
उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होने के कारण बड़े पैमाने पर कार्य किए गए हैं और इसके चलते लाखों-हजारों की जान बचाई गई हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों की मजदूरी बढ़ाए जाने को लेकर बड़े पैमाने पर लोगों ने सराहना की है। उन्होंने मजदूरी और बढ़ाने को लेकर कोई जानकारी नहीं दी।
नेशनल दुनिया के सवाल पर जवाब देते हुए केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री चौधरी ने कहा कि राज्य सरकारों को अपने स्तर पर प्रत्येक पंचायत स्तर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की फसल खरीद के लिए निर्देश दिए हुए हैं, लेकिन राजस्थान की सरकार अभी तक भी 16 पंचायत समितियों पर एक खरीद केंद्र शुरू करके बैठी हुई है।
सरकार अपने स्तर पर कोई प्रयास नहीं कर रही है, जबकि केंद्र सरकार तमाम तरह की सुविधाएं देने के लिए तैयार है। उन्होंने राज्य सरकार पर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार कोई कार्य नहीं करना चाहती है, केवल मोदी सरकार पर आरोप लगाकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने का प्रयास कर रही है।
एक अन्य सवाल पर जवाब देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि 2 महीने बाद खरीफ की फसल की बुवाई शुरू होने वाली है, उसको लेकर भी केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को बीज वितरण के लिए पर्याप्त मात्रा में दुकानों की संख्या बढ़ाने और पूरी सुविधा देने के लिए निर्देशित किया है।
उन्होंने कहा कि किसानों के लिए टोल फ्री नंबर दिया गया है, जहां पर फोन करने के बाद उनको किसी भी जिले या राज्य की सीमा में रोका नहीं जा रहा है।
फसल से भरे ट्रक भी नहीं रोके जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की सूची में 25 फसलें हैं, जिनकी सभी की खरीद करने के लिए राज्य सरकारों को निर्देशित किया हुआ है।
किसान की फसल खरीदने के लिए केंद्र सरकार पर्याप्त सुविधाएं दे रही है, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने राजस्थान सरकार पर आरोप लगाया कि राज्य सरकार केवल राजनीति कर रही है।
केंद्र सरकार की तरफ से फसल खरीद करने या फिर बीपीएल वर्क के लिए अनाज उपलब्ध करवाने के बारे में कोई असुविधा नहीं है।
राज्य सरकार राजनीति कर रही है कैलाश चौधरी ने कहा कि फसल बीमा का राज्य सरकार अभी तक 3 साल का किस्तों का पैसा नहीं दे पाई है। ऐसे में किसानों को मिलने वाले मुआवजे की राशि अटकी हुई है।
उन्होंने कहा कि पहली बार किसानों को 25 क्विंटल के बजाय 40 क्विंटल फसल एक बार में बेचने की अनुमति दी गई है, ताकि किसानों को बार-बार मंडी नहीं जाना पड़े।