नेशनल दुनिया डेस्क
राजस्थान में कोरोनावायरस की चपेट में अब तक 288 से अधिक लोग आ चुके हैं, जबकि अकेले जयपुर शहर में 100 से ज्यादा लोग कोरोनावायरस से पीड़ित हैं। इनमें से अधिकांश लोग दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होकर लौटे हुए लोग हैं।
राज्य सरकार लगातार जिलेवार, राज्य में मिले हुए, इटली से आए हुए, ईरान से लौटे हुए, तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद राजस्थान पहुंचे और कोरोनावायरस से पॉजिटिव मिले मरीजों की अलग-अलग संख्या बता रही थी। राज्य में अबतक 5 मौत बताई जा रही है। मृतकों को दूसरे रोगों से पीड़ित भी बताया गया है।
लेकिन रविवार को दोपहर बाद अचानक से चिकित्सा विभाग की तरफ से जारी की गई प्रेस रिलीज में से तबलीगी जमात के मरीजों के कॉलम को हटा दिया गया। सरकारी सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार के उच्च आदेशों के बाद ऐसा किया गया है।
इस मामले को लेकर नया खुलासा हुआ है। पीयूसीएल की तरफ से 5 अप्रैल, यानी सोमवार को राज्य सरकार को एक पत्र लिखा गया पत्र सामने आया है, जिसमें राज्य के होम सेक्रेट्री राजीव स्वरूप, राजस्थान पुलिस के महानिदेशक भूपिंदर सिंह यादव, जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव और जोधपुर पुलिस कमिश्नर प्रफुल्ल कुमार को को संबोधित करते हुए प्रतिदिन जारी की जाने वाली मरीजों की प्रेस रिलीज में से तबलीगी जमात का नाम हटाए जाने को कहा गया था।
पीयूसीएल की तरफ से लिखे गए पत्र में जयपुर, जोधपुर समेत उन सभी जिलों में से कुछ मरीजों की स्थिति बताते हुए सरकार के इन आला अधिकारियों से अपील की गई है कि मुस्लिम समुदाय के गरीब लोग इस तरह से नाम उजागर होने की वजह से बदनाम हो रहे हैं, इसलिए तबलीगी जमात का नाम सूची में से हटाया जाना चाहिए।
पीयूसीएल की तरफ से लिखे गए 5 पेज के इस पत्र में कविता श्रीवास्तव, मुकेश गोस्वामी और राशिद हुसैन का नाम अंकित हैं, जिनके द्वारा यह पत्र प्रेषित किया गया है। हालांकि राज्य सरकार की तरफ से प्रेस रिलीज में से तबलीगी जमात का कॉलम रविवार को 4 मार्च को ही हटा दिया गया था।