एक तरफ कोरोनावायरस को लेकर जहां भारत सरकार को राजस्थान सरकार बड़े पैमाने पर लोगों की मदद करने का काम कर रही है, तो दूसरी तरफ राजस्थान के एक मंत्री का नाम करोड़ों रुपए की जमीन खरीदने और सवाई मानसिंह अस्पताल में खरीदे गए मास के गायब करने के साथ ही पर्सनल प्रोटक्शन इक्विपमेंट की घटिया क्वालिटी डिलीवर कराने का आरोप लगा है।
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक भरतपुर जिले की कुम्हेर तहसील के गंगवा गांव में राजस्थान सरकार के एक मंत्री ने कोरोना त्रासदी के मध्य 2-3 दिन पूर्व 5 करोड़ की जमीन खरीदी थी।
मंत्री के द्वारा अचानक करोड़ो की जमीन खरीदना, लोक डाउन के मध्य सवाई मानसिंह अस्पताल में करोड़ों रुपये के मास्क का गायब होना और घटिया श्रेणी के पीपीई किट खरीदना किसी कनेक्शन की तरफ इशारा कर रहा है?
इस संदर्भ में सोशल मीडिया पर पूछा जा रहा है कि इन सब के बीच क्या कनेक्शन हो सकता है? एक यूजर ने फेसबुक पर लिखा है कि गाँधीवादी सीएम अशोक गहलोत को क्या इसकी जांच नहीं करवानी चाहिए?
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों सवाई मानसिंह अस्पताल से n95 गुणवत्ता के करीब 2.50 लाख मास्क के गायब होने के आरोप लगे थे। इसके साथ ही पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट भी घटिया श्रेणी के खरीदे जाने के आरोप लगे हैं।
राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के जिन मंत्री पर यह आरोप लग रहे हैं, वह भरतपुर से संबंध रखते हैं। कहा जा रहा है कि इस मामले में दो मंत्रियों के बीच वाक युद्ध भी चल रहा है