
जयपुर समाचार
एक तरफ जहां पूरा देश और प्रदेश कोरोना वायरस के जानलेवा खौफ़ से मुकाबला कर रहा है, वहीं ऐसी मुश्किल घड़ी में भी घोटालेबाज अपनी निम्न हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। कोविड—19 से जूझते राजस्थान के सबसे बड़े हॉस्पिटल, सवाई मानसिंह अस्पताल में से 2.50 लाख मास्क गायब होने की सूचना ने लोगों के पैरों तले से जमीन खिसका दी है। सूचना मिलते ही राज्य सरकार के चिकित्सा विभाग में हड़कंप मचा गया है।

इसकी खबर दैनिक भास्कर अखबार ने अपने पहले पन्ने पर प्रकाशित की है। जिसके बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मचा है। अखबार ने आशंका जताते हुए दावा किया है कि अस्पताल में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है।
दैनिक भास्कर के मुताबिक जानकारी में आया है कि एसएमएस अस्पताल के द्वारा पिछले दिनों ही 3 लाख मास्क मंगवाए गए थे, जिनमें से 2.50 लाख मास्क के गायब होने के बाद कॉलेज और अस्पताल प्रशासन होश में आया। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ सुधीर भंडारी ने बताया है कि मास्क गायब होने की सूचना के बाद एक कमेटी का गठन किया गया है। इन 2.50 लाख की बाजार कीमत 11.25 करोड़ रुपये बताई जा रही है।

अखबार ने यह भी दावा किया है कि करोड़ों रुपयों के मास्क गायब होने की जानकारी तब सामने आई, जब अस्पताल के डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, आइसोलेशन में काम करने वालों ने इसकी डिमांड की। मजेदार बात यह है कि मास्क आइसोलेशन में काम करने वाले डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ और रेजिडेंट डॉक्टर्स के लिए मंगवाए गए थे, लेकिन उनको मिले ही नहीं।
अब हालात ये हैं कि कोरोना वायरस से पीड़ितों की जान बचाने में जुटे डॉक्टर और रेजिडेंट डॉक्टर्स के पास मास्क नहीं हैं, और वो खुद अपने पैसे से मास्क खरीद कर अपनी जान बचा मरीजों की जिंदगी बचा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक एक मास्क की कीमत 450 रुपये है, जो एन95 गुणवत्ता का है।

अब एसएमएस मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने इसको लेकर प्राथमिकी भी दर्ज करवाने के लिए थाने में एप्लीकेशन दी है।। पुलिस मामले की जांच कर रही है। अस्पताल सूत्रों के अनुसार इस घपले में भी उन्हीं लोगों का हाथ है, जिन्होंने अस्पताल की लाइफ लाइन में आग लगाकर करोड़ों रुपयों का क्रप्शन किया था।
इस घपले को लेकर अभी तक मोती डूंगरी थाने में मामला दर्ज नहीं हुआ है। कहा जा रहा है कि चिकित्सा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह ने भी रिपोर्ट मांगी है।