
बरसों से पानी को तरसते राजस्थान में आने वाले वक्त में भरपूर जल होगा, क्योंकि प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत 160 गांवों एवं ढाणियों में हर घर जल के लिए 158 करोड़ रुपए के टेंडर जारी कर दिए गए हैं। टेंडर खुलने के बाद जल्द ही काम की रफ्तार तेज होने की उम्मीद लगाई जा रही है। इसकी जानकारी भाजपा की राजस्थान राज्य महासचिव और सवाई माधोपुर की पूर्व विधायक दिया कुमारी ने हाल ही में अपने माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू ऐप के जरिये दी है। इस पोस्ट के माध्यम से दिया कुमारी कहती हैं:
“संसदीय क्षेत्र राजसमंद के ब्यावर विधानसभा की जवाजा पंचायत समिति में जल जीवन मिशन के तहत 160 गांवों एवं ढ़ाणियों के हर घर जल के लिए 158 करोड़ रुपए के टेंडर जारी हो गए हैं। टेंडर खुलने के बाद जल्द कार्य शुरू होंगे।”Koo Appसंसदीय क्षेत्र राजसमंद के ब्यावर विधानसभा की जवाजा पंचायत समिति में जल जीवन मिशन के तहत 160 गांवों एवं ढ़ाणियों के हर घर जल के लिए 158 करोड़ रुपए के टेंडर जारी हो गए हैं। टेंडर खुलने के बाद जल्द कार्य शुरू होंगे। View attached media content – Diya Kumari (@diyakumariofficial) 5 Feb 2022

इतना ही नहीं, दिया कुमारी ने टेंडर की प्रतिलिपि भी कू ऐप पर साझा की है।
इस वर्ष हुआ बड़ा ऐलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में कई बड़ी योजनाओं का ऐलान किया। इनमें पीएम आवास योजना और हर घर तक नल से पीने का पानी पहुँचाने की योजनाएँ भी शामिल हैं। साथ ही बजट में ‘नल से जल योजना’ के लिए 60 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। इसके तहत अब तक 8.7 करोड़ घर कवर हो चुके हैं।
सिर्फ पिछले 2 वर्षों में इस स्कीम के तहत 5.5 करोड़ घरों को नल का पानी मुहैया कराया गया है। 2022-23 में 3.8 करोड़ परिवारों को कवर करने के लिए इस रकम का आवंटन किया गया है। निर्मला सीतारमण की माने तो पीएम आवास स्कीम के लिए इसका फायदा शहरी और ग्रामीण, दोनों इलाके के लोगों को भी मिलेगा।
वर्ष 2019 में शुरू की गई थी ‘हर घर नल से जल’ योजना
पानी के लिए ‘हर घर नल से जल’ योजना भारत सरकार द्वारा वर्ष 2019 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य हर ग्रामीण घर में 2024 तक नल का पानी उपलब्ध कराना है। वित्त मंत्री ने 2019 के केंद्रीय बजट में इस योजना की घोषणा की थी। हर घर जल तब से राज्यों के साथ साझेदारी में लागू किया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण भारत के सभी घरों में 2024 तक घरेलू नल कनेक्शन के जरिए सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल मुहैया कराना है। इसके तहत भूजल प्रबंधन, जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन आदि शामिल हैं।