
जयपुर। राजस्थान के सबसे वरिष्ठ विधायकों में से एक, गुढ़ामलानी के कांग्रेस विधायक और साल 2008 से लेकर 2013 तक अशोक गहलोत सरकार में राजस्व मंत्री रहे हेमाराम चौधरी ने मंगलवार को अपनी विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है।
विधायक हेमाराम चौधरी के द्वारा विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि वह गुडामालानी से विधायक हैं और इस्तीफा दे रहे हैं।
हालांकि, अभी तक खुलकर उनके द्वारा या उनके किसी करीबी के द्वारा यह नहीं बताया गया कि हेमाराम चौधरी ने इस्तीफा क्यों दिया है, लेकिन साफ है चौधरी जिस तरह से लगातार अशोक गहलोत सरकार से नाराज थे।

बताया जा रहा है कि हाल में उनकी नाराजगी का कारण कम्युनिटी हैल्थ ऑफिसर (CHO) भर्ती को लेकर था, जिसको लेकर उन्होंने बाड़मेर कलेक्टर से भी नाराजगी जाहिर की गई थी। उनकी अनदेखी के कारण वह अशोक गहलोत सरकार गुस्सा थे, जिसको वह कई बार जाहिर कर चुके हैं।
उनके विधानसभा क्षेत्र में काम नहीं होने से दुखी होकर करीब मार्च 2020 में विधानसभा सत्र के दौरान सदन के भीतर ही कहा था कि अगर उनके कॉन्स्टेबल ट्रांसफर जैसे कार्य नहीं होते हैं तो फिर विधायक रहने का कोई मतलब नहीं है, उनका मन भर गया है और वह इस्तीफ़ा दे देंगे।
गुडामालानी से 6 बार विधायक रहे हेमाराम चौधरी के द्वारा ऐसे वक्त में इस्तीफा दिया गया है, जब उनके लीडर सचिन पायलट दिल्ली गए हुए हैं। सचिन पायलट ने पिछले महीने की 14 तारीख को पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि अशोक गहलोत गुट के साथ उनका समझौता हुए 9 महीने हो गए हैं, अब ऐसा कोई कारण नहीं बचता है कि कांग्रेस आलाकमान के द्वारा किए गए वादे पूरे नहीं किए जाएं।
राजनीति के जानकारों का मानना है कि हेमाराम चौधरी के इस्तीफे के दूरगामी परिणाम निकलेंगे, क्योंकि चौधरी कई बार अशोक गहलोत सरकार के द्वारा काम नहीं किए जाने के गंभीर आरोप लगा चुके हैं। कांग्रेस की गहलोत सरकार पर कमियां गिनाकर हमला करने वाले हेमाराम चौधरी का इस्तीफा कांग्रेस आलाकमान के लिए एक चुनौतीपूर्ण गंभीर प्रश्न हो गया है।