
जयपुर। राजधानी जयपुर के जयपुर ग्रेटर नगर की सभी 28 कमेटियों को राज्य की अशोक गहलोत सरकार ने भंग कर दिया है। सरकार ने कमेटियों की सूची मिलने के करीब एक माह बाद भंग की हैं।
निगम की मेयर सौम्या गुर्जर और उपमहापौर पुनीत कर्णावत के साथ ही भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़ समेत तमाम भाजपा विधायकों ने कड़ी आपत्ति जताई है।
मजेदार बात यह है कि सरकार ने ऐसे समय पर निगम की समितियों को भंग किया है, जब निगम के चुनाव हुए 90 दिन का समय पूरा हो चुका है। नियमानुसार यदि निगम के द्वारा 90 दिन तक भी समितियों का गठन नहीं किया जाता है तो सरकार अपने स्तर से कमेटियों का गठन कर निगम को सूची भेज सकती है।
क्योंकि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है और निगम का बोर्ड भाजपा का है। ऐसे में समझा जा रहा है कि राजनीतिक बदले की भावना से सरकार ने यह फैसला लिया है। इधर, भाजपा ने इसको सीधा लोकतंत्र पर हमला करार दिया है।
जानकारी में आया है कि किसी भी कमेटी में दो से अधिक सदस्य बाहर के नहीं हो सकते हैं, लेकिन महापौर के द्वारा बनाई गई इन समितियों में तीन-तीन लोग बाहर के लिए गए हैं। इसी तकनीकी तेज को लेकर सरकार के द्वारा कमेटियों को भंग किया गया है।
माना जा रहा है कि सरकार भाजपा की महापौर सौम्या गुर्जर को आराम से काम नहीं करने देगी। समझा जा रहा है कि राज्य सरकार की इस कार्रवाई के खिलाफ भाजपा और निगम की महापौर हाईकोर्ट की शरण में जा सकती हैं।