
जयपुर। क्या जयपुर ग्रामीण से लोकसभा सांसद कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ भाजपा अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां को अपना नेता स्वीकार कर चुके हैं? जी हां, राज्य की राजनीति में शनिवार को यह सवाल चर्चा का विषय रहा। कारण था, कर्नल राठौड़ का डॉ. पूनियां के लिए गाड़ी ड्राइव करना।
हालांकि, जिस गाड़ी में दोनों नेता बैठे थे, वह स्टिकर्स से तो खुद कर्नल राठौड़ की ही जान पड़ती है। बता दें कर्नल राठौड़ को राजनीति में लाने का श्रेय साल 2013 में पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे को दिया जाता है।
भाजपा के कार्यकर्ताओं द्वारा, खासकर राजे समर्थकों द्वारा आज भी राजे के द्वारा ही एथेंस ओलंपिक 2004 में रजत पदक विजेता कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ को राजनीति में लाने का दावा किया जाता है।
वर्ष 2014 में जयपुर ग्रामीण से सांसद बनने के बाद राठौड़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निकट हो गए और उनकी कैबिनेट के सदस्य तक बने।
कहा जाता है कि इसके बाद कर्नल राठौड़ खुद को राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री बनने के सपने तक देखने लगे थे, किंतु साल 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद दूसरी बार सांसद बनने पर भी कर्नल राठौड़ को मोदी कैबिनेट में जगह तक नहीं मिली।
करीब डेढ़ साल बाद, जबकि उन्हीं के संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले आमेर विधानसभा क्षेत्र के विधायक और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया के साथ शनिवार को जिस तरह से कर्नल राठौड़ की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं, उससे कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।

राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ अब डॉ. सतीश पूनिया को सहर्ष अपना नेता स्वीकार कर चुके हैं।
संभवत इन तस्वीरों के माध्यम से खुद राठौड़ जनता में यह संदेश देना चाहते हैं कि वह वसुंधरा राजे खेमे के बजाय डॉ. सतीश पूनिया के नेतृत्व में रहना ज्यादा पसंद करते हैं।