
जयपुर। राजस्थान सरकार द्वारा कनिष्ठ अभियंता (सिविल) (डिग्रीधारी) सीधी भर्ती परीक्षा, जो 6 दिगम्बर को हो चुकी है और पटवारी सीधी भर्ती परीक्षा, जो जनवरी में आयोजित होने वाली थी, को रद्द किए जाने को लेकर उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने सरकार को आड़े हाथों लिया है।
राठौड़ ने एक के बाद एक, चार ट्वीट के जरिये सरकार ताबड़तोड़ हमले किये हैं। उन्होंने राज्य की अशोक गहलोत सरकार को बेरोजगारों के मामले में पूरी तरह नाकाम करार देते हुए कहा है कि बेरोजगारों को नौकरी देने, बेरोजगारी भत्ता देने का वादा करके सत्ता में आई थी, पर आज कंप्लीट विफल है।

कहा, बेरोजगार युवा पूरे साल इन परीक्षाओं की तैयारी करते हैं लेकिन ऐनवक्त पर सरकार की नाकामियों की वजह से परीक्षा स्थगित होना परीक्षार्थियों और बेरोजगारों के साथ खिलवाड़ है। गहलोत सरकार बार-बार बेरोजगारों को नौकरी का सपना दिखाकर तोड़ रही है।
पटवार, जूनियर इंजीनियर, चिकित्सा अधिकारी, एनटीटी और लाइब्रेरियन सहित कई भर्ती परीक्षाओं का स्थगित होना राज्य सरकार की बड़ी विफलता है। सरकार दो वर्षों में युवाओं के भविष्य के प्रति जरा भी गंभीर नहीं दिखी है। भर्तियों का स्थगित होना सरकार की प्रशासनिक व्यवस्था के मुंह पर तमाचा है।
बेरोजगारी भत्ता देने का झूठा सपना दिखाने वाली अशोक गहलोत सरकार बेरोजगारों से आवेदन शुल्क के नाम पर करोड़ो रुपये भत्ता ले रही है और और फिर परीक्षाएं रद्द कर रही है। सरकारी नौकरी का सपना संजोए बैठे लाखों बेरोजगारों के साथ इससे बड़ा धोखा व खिलवाड़ क्या होगा।
दुर्भाग्य है कि 2 वर्षों में कई भर्ती परीक्षाओं को स्थगित करना पड़ा। इसके बावजूद सरकार की सरपरस्ती में इन परीक्षाओं को रद्द करने के कारक बने लोगों पर कभी कार्रवाई नहीं हुई जिसके पश्चात् राजस्थान में प्रश्न पत्र माफिया पैदा हो गए और सरकार कोई भी भर्ती करवाने में सफल नहीं हुई।