
जयपुर। राजस्थान के पूर्व शिक्षा एवं विधि मंत्री एवं लंबे समय तक भाजपा में रहकर वसुंधरा राजे की खिलाफत करने वाले घनश्याम तिवाड़ी की शनिवार को भाजपा में विधिवत वापसी हो गई, लेकिन इसके साथ ही कई सवाल भी खड़े हो गए हैं।

घनश्याम तिवारी ने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया की उपस्थिति में 26 महीने बाद उन्हें भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी भी कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण नहीं की थी।

घनश्याम तिवारी ने कहा कि वह भाजपा छोड़कर भारत वाहिनी के गठन के बाद कांग्रेस में गए जरूर थे, लेकिन उन्होंने कभी भी कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण नहीं की और किसी भी ऐसे मंच पर नहीं गए जहां पर धारा 370, राम मंदिर और नागरिकता संशोधन कानून का विरोध हो रहा था।

लेकिन घनश्याम तिवारी के दावे के विपरीत 1 मई 2019 को उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखी थी, जिसके साथ करीब एक दर्जन फोटो भी अटैच की थी, उसमें उन्होंने स्पष्ट लिखा है कि भारत वाहिनी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, मंत्री रघु शर्मा, मंत्री प्रताप सिंह की उपस्थिति में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की है।

उस पोस्ट को सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है, वायरल किया जा रहा है और घनश्याम तिवाड़ी के दावे के विपरीत कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि, तिवाड़ी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह कांग्रेस में गए जरूर थे, लेकिन उन्होंने सदस्यता ग्रहण नहीं की थी, जबकि पुरानी पोस्ट में खुद तिवारी ने लिखा है कि कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की है।