
जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के द्वारा जयपुर ग्रेटर नगर निगम से सौम्या गुर्जर को महापौर पद का उम्मीदवार घोषित किया है। सौम्या गुर्जर ने अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है और संख्या अधिक होने के कारण उनका महापौर बनना लगभग तय है।
सौम्या गुर्जर इससे पहले 2013 से 2018 के वसुंधरा राज्य के शासन काल के दौरान प्रदेश महिला आयोग की सदस्य बनीं थीं, तब उनके द्वारा एक रेप पीड़िता के साथ सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर डालने के कारण उनको इस्तीफा देना पड़ा था। 30 जून 2016 को सौम्या गुर्जर ने अपने पद से इस्तीफा दिया था।

सौम्या गुर्जर के पति राजा राम गुर्जर करौली नगर परिषद के सभापति रह चुके हैं। राजाराम गुर्जर के करौली नगर परिषद के सभापति रहते हुए अवैध आवंटन, फर्जी अलॉटमेंट समेत उनके ऊपर जमीनों समेत कई गंभीर आरोप लगे थे, हालांकि, भाजपा लगातार इस बात का बचाव करती रही है।
सौम्या गुर्जर को महापौर पद प्रत्याशी बनाने के बाद जयपुर भाजपा मुख्यालय के बाहर पूर्व महापौर शील धाबाई के समर्थकों के द्वारा करीब 15 मिनट तक नारेबाजी की गई और इसका विरोध किया गया।
तमाम तरह के आरोप झेलने के बावजूद सौम्या गुर्जर को पहले पार्षद का टिकट देने और उसके बाद अब महापौर बनाने के मामले को लेकर भाजपा के ही कार्यकर्ताओं में चर्चा हो रही है कि क्या भाजपा ने अपना कैडर छोड़ दिया है? सौम्या गुर्जर और उनके पति राजाराम गुर्जर पर लगे तमाम आरोपों के बावजूद पार्टी की ऐसी क्या मजबूरी है कि उनको महापौर प्रत्याशी बनाया गया है?