
जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय शिक्षकों के नियमितीकरण का अखाड़ा बनकर रह गया है। हालात यह है कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजीव जैन विश्वविद्यालय से नदारद हैं, तो दूसरी तरफ शिक्षकों ने कुलपति सचिवालय के बाहर 2 दिन से धरना दे रखा है।
दरअसल, बुधवार को सिंडिकेट बैठक चल रही थी, जिसमें कुलपति प्रो. राजीव जैन के द्वारा प्रोबेशन काल पूरा होने के बाद भी शिक्षकों के नियमतिकरण के मामले को 6 माह तक रोकने का प्रस्ताव पास किया। इस दौरान सिंडिकेट मैम्बर रामखिलाड़ी मीणा सिंडिकेट बैठक में जाना चाहते थे, किन्तु शिक्षकों ने उनको जाने नहीं दिया।

शिक्षकों ने “रामखिलाड़ी दलाल” है कि नारे लगाए और उनको कुलपति सचिवालय के बाहर ही रोक लिया। इसके कारण कुलपति और कुलसचिव रामफूल यादव मीणा को लेने के लिए बाहर आये। इससे शिक्षक गुस्सा हो गए।
कुलसचिव यादव ने शिक्षकों को हंगामा नहीं करने की बात कही तो टीचर्स गुस्सा हो गए। जब कुलसचिव यादव वापस अंदर जा रहे थे, तब रूटा के पूर्व अध्यक्ष डॉ जयंत सिंह ने हाथ पकड़ लिया। इससे शिक्षकों के साथ हाथापाई हो गई। यादव नीचे भी गिर गए और उनका मोबाइल टूट गया।
दोनों और से काफी तू तू मैं मैं हुई। इसी को लेकर कुलपति और कुलसचिव ने डॉ जयंत सिंह और डॉ विनोद शर्मा को निलंबित कर दिया और कई शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया। जिससे आक्रोशित शिक्षक कुलपति सचिवालय के बाहर धरने पर बैठे हैं।
दूसरी ओर कुलपति प्रो राजीव जैन को जब से लगाया है, तब पहले ही दिन से उनकी नियुक्ति को लेकर अहर्ता सम्बन्धी सवाल खड़े हो रहे हैं। आरोप है कि कुलपति जैन ने 10 साल प्रोफेसर होने की योग्यता पूरी नहीं कर रहे हैं। यूजीसी नियमों के अनुसार 10 साल प्रोफेसर होने का अनुभव होने पर ही कुलपति बनाया जा सकता है।
मामला अप्रैल 2018 में भर्ती हुए शिक्षकों से जुड़ा हुआ है। शिक्षकों की नियुक्ति को अप्रैल 2020 में दो साल का परिवीक्षा काल पूरा हो गया है। इसको लेकर अब शिक्षक नियमतिकरण करने की मांग कर रहे हैं।

राजस्थान विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (RUTA) अध्यक्ष राहुल चौधरी का कहना है कि शिक्षकों के नियमतिकरण का काम समय पर पूरा होना चाहिए। जब दो साल का प्रोबेशन पीरियड पूरा हो चुका है, तो फिर विवि प्रशासन को किस बात की तकलीफ है?
इधर, डॉ जयंत सिंह और डॉ विनोद शर्मा का कहना है कि शिक्षकों को उनका हक मिलना चाहिए। उनका कहना है कि शिक्षकों को उनके अधिकार मिलने चाहिए। गौरतलब है कि इससे पहले 2013 में जो शिक्षक भर्ती हुए थे, उनके नियमतिकरण का काम 2018 में, करीब 6 साल बाद किया गया था।
डॉ सिंह ने बताया कि शिक्षकों के साथ अन्याय, धक्का-मुक्की करने वाले कुलसचिव यादव को पद से तुरन्त हटाया जाए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। इसको लेकर शिक्षकों के संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।