
नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आव्हान पर रविवार, यानी 22 मार्च को भारत में जनता कर्फ्यू का आयोजन किया जा रहा है। इस तरह का देश में यह पहला आयोजन होगा, जब देश के किसी प्रधानमंत्री ने जनता कर्फ्यू का आव्हान किया है और जनता उसका पालन करने जा रही है।
हालांकि, भारत के रेल मंत्रालय ने भी अपनी सभी करीब 2400 रेल गाड़ियों के पहिये थामने का फैसला किया है। इसके साथ ही दिल्ली, मुंबई समेत तमाम मेट्रो भी बंद रहेंगी। भारत से बाहर जाने और आने वाली तमाम फ्लाइट्स को भी कल से थाम दिया जाएगा।
पीएम मोदी ने कहा है कि दुनिया की यह अब तक की सबसे बड़ी त्रास्दी है, जिससे पूरे देश को एक साथ लड़ने की जरुरत है। उनके आव्हान पर देश ने ‘जनता कर्फ्यू’ को स्वीकार कर लिया है। विश्व युद्ध के बाद यह पहला मौका है, जब पूरी दुनिया किसी शक्ति से मुकाबला कर रही है।
इस बीच भारत में नये मामले आने की संख्या बढ़ रही है। अब तक भारत में करीब 300 मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 4 जनों की मौत की पुष्टि हुई है। सबसे ज्यादा पीड़ित महाराष्ट्र में 59 हो चुके हैं।
बुजुर्गों का कहना है कि ऐसा पहली बार हो रहा है, जब देश इस तरह से थम गया है। इससे पहले आपातकाल के समय भी इतना भय का माहौल नहीं था। हालांकि, तब प्रशासन सख्त था, लेकिन सबकुछ थमने जेसा कुछ नहीं था।
इसके असर की बात करतें तो एक ओर जहां रविवार का दिन होने के कारण सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे, वहीं स्कूल, कॉलेज, विवि, सिनेमाघर, मॉल पहले ही बंद कर दिए गए हैं। कई शहर बंद कर दिए गए हैं, वहीं जनता कर्फ्यू के चलते सबकुछ बंद होने की संभावना है।