
पटना। हमारे पड़ोसी देश चीन से जारी तनातनी के बीच भले ही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने चीनी एप टिक टॉक (Tik Tok) समेत कुल 224 चीनी मोबाइल एप्स (Chinise Apps Ban) पर पाबंदी लगा दी हो, किन्तु देश की सुरक्षा में सेंधमारी का आरोप झेलने वाले इसी टिकटॉक ने बिहार के नालंदा में दो प्रेमी जोड़ों को फिर से मिला दिया।
जानकारी में आया है कि दोनों प्रेमी टिक-टॉक के माध्यम से मिले थे। लेकिन इस दौरान इस एप पर बैन लग गया। काफी मशक्कत के बाद उसी टिक टॉक के बने वीडियो के जरिये दोनों फिर मिल गए और अब दोनों नालंदा जिला के सोहसराय के एक मंदिर में विवाह (Marriage) कर लिया। मजेदार बात यह है कि विवाह शहर में चर्चा का विषय बन गया।
दोनों के बीच एप से हुई थी जान पहचान
प्रेमी जोड़े ने बताया कि सुमा कुमारी झारखंड के कतरासगढ़ की रहने वाली है। उसकी जान पहचान नालन्दा जिले के सलेमपुर इलाके के गोलू कुमार से टिक-टॉक के माध्यम से हुई। सिलसिला चला और फिर यही पहचान प्यार में बदल गई।
प्रेमी जोड़े ने इसकी जानकारी अपने परिजनों को दी। लेकिन परिजनों ने शादी से मना कर दिया और दोनों को दूर करने का भी खूब प्रयास किया, पर वो नहीं माने।
प्रेमी युगल ने रेलवे स्टेशन पर किया आत्महत्या का प्रयास
दोनों के परिजनों द्वारा उनकी शादी से इंकार किया गया, जिसके बाद दोनों प्रेमी अपने घर से भागकर शादी करने धनबाद चले गये। वहां पर कुछ नहीं सूझने के कारण रेलवे स्टेशन पर आत्महत्या कर अपनी ईहलीला समाप्त करने का प्रयास किया।
जब वो सुसाइड करने वाले ही थे, तब रेलवे स्टेशन पर मौजूद स्थानीय यात्रियों ने दोनों को बचाकर इसकी सूचना परिजनों को दी। इसके बाद उनके परिजन भी दोनों के इस मजबूत प्यार आगे झुक गए। जिसके बाद दोनों की सोहसराय के सूर्य मंदिर में शादी करवाई गई।
प्रेमी युगल ने जीती प्यार की जंग
इस तरह से परिजनों के तमाम विरोध के बावजूद दोनों प्रेमी की प्यार की जीत हुई। धोला कुआं में दोनों की पूरे हिंदू रीति रिवाज के हिसाब से शादी करवाकर उनको परिजनों को सौंप दिया गया।
प्रेमी से दंपति बने युवक-युवती के परिजनों का कहना है कि हमने इस विवाह के द्वारा अन्य लोगों को दहेज मुक्त विवाह करने का संदेश दिया है। इस तरह से दोनों प्रेमी शादी करके अपने घर चले गए।