
नेशनल दुनिया, नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूसरी सरकार को 1 साल पूरा हो चुका है। इस एक साल के दौरान केंद्र सरकार के द्वारा धारा 370, लद्दाख राज्य का गठन, राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करना और नागरिकता संशोधन कानून लागू किए जाने के बाद उपजे तमाम विरोध बावजूद कांग्रेस पार्टी नरेंद्र मोदी का कोई विकल्प नहीं खोज पाई है।

सबसे पहले धारा 370 और 35a का सफाया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूसरी सरकार के उल्लेखनीय कार्यों की बात की जाए तो सरकार गठन के तुरंत बाद मोदी सरकार ने सबसे पहले जम्मू कश्मीर राज्य का भी गठन किया।
यहां से नासूर बन चुकी धारा 370 और 35a का खात्मा किया। साथ ही लद्दाख के रूप में अलग से केंद्र शासित प्रदेश बनाया।
इस मसले को लेकर पाकिस्तान तमाम तरह के अंतरराष्ट्रीय मंच पर सहायता के लिए गया, लेकिन उसको कोई सफलता नहीं मिली।
जम्मू कश्मीर को अलग से केंद्र शासित प्रदेश बनाया। इसको लेकर छुटपुट विरोध हुआ, लेकिन आखिरकार केंद्र सरकार अपने निर्णय पर अड़ी रही और उसको सफलता मिली है।

इस मामले को लेकर जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्लाह, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर भी केस दर्ज हुए और उनको नजरबंद किया गया।
जिनमें से फारूक अब्दुल्ला और ऊपर उमर अब्दुल्ला को रिहा कर दिया गया है। हालांकि, महबूबा मुफ्ती अभी भी नजरबंद हैं। अब जम्मू कश्मीर और लद्दाख भी अन्य केंद्र शासित प्रदेशों के समान हैं। यहां पर कोई विशेष अधिकार नहीं हैं।
राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ, 541 साल पुरानी लड़ाई समाप्त
आजादी के भी कई सदियों पहले से शुरू अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर केंद्र की मोदी सरकार ने पहल की और जिस मुद्दे को लेकर आरएसएस और भाजपा बरसों से लड़ाई लड़ रही थी, उसका मोदी की दूसरी सरकार में अंत हो गया।

अयोध्या में राम मंदिर की जगह बाबर के द्वारा जो मस्जिद बनवाई गई थी, उसका 1992 में विध्वंस किया गया था। यहां पर अब पूरी जमीन राम मंदिर के लिए दे दी गई है। एक ट्रस्ट का गठन करके उस पर मंदिर का निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है।
पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं के लिए नागरिकता संशोधन कानून बनाया
नरेंद्र मोदी की दूसरी सरकार में गृह मंत्री बने अमित शाह के द्वारा 6 महीने के भीतर तीसरा बड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में रहने वाले हिंदू, सिख, ईसाई, बुद्ध, जैन और पारसी धर्म के लिए नागरिकता संशोधन कानून बनाया।
इस कानून के खिलाफ देश के मुसलमानों, वामपंथी संगठनों और कांग्रेस के द्वारा विरोध किया गया। वामपंथियों के द्वारा मुसलमानों को साथ लेकर देशभर में करीब 400 जगह पर धरने दिए गए।

नई दिल्ली में शाहीन बाग बनाया गया, जिसको नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ एक मॉडल बनाकर पूरे देश में और दुनिया में पेश किया गया। जिसके चलते केंद्र सरकार को कई बार परेशानी का सामना करना पड़ा, लेकिन सरकार झुकी नहीं और आखिरकार वामपंथियों के द्वारा चलाए गए इस प्रोपेगेंडा में कोई सफलता हासिल नहीं हुई।
आजादी के बाद पहले गृह मंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल के बाद इस तरह से कड़े फैसले लेने के कारण गृह मंत्री अमित शाह को लौह पुरुष की उपाधि दी गई।

संसद के भीतर जिस तरह से कांग्रेस समेत तमाम दलों को गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा करारा जवाब दिया गया, और बिंदु बार रिप्लाई किया गया, उसको देख कर देश दुनिया की तमाम बुद्धिजीवी लोगों ने समझ लिया कि गृह मंत्री के पास पर्याप्त तथ्य और तर्क हैं।
जम्मू कश्मीर राज्य के विघटन और जम्मू-कश्मीर व लद्दाख के रूप में 2 केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के दौरान जिस तरह से संसद में गृहमंत्री अमित शाह ने मजबूती के साथ पीओके और गिलगित बालटिस्तान को भारत का अभिन्न अंग बताया गया, उसके बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भारत की मजबूत छवि पेश हुई और पाकिस्तान में हड़कंप मच गया।
कोरोनावायरस की वैश्विक महामारी में केंद्र सरकार की छवि और निखरी
मार्च के महीने में शुरू हुए वैश्विक आपदा कोरोनावायरस की महामारी के बाद जिस तरह से नरेंद्र मोदी सरकार ने मजबूती से फैसला करते हुए पूरे देश में 2 महीने से अधिक समय तक तालाबंदी की उसके कारण मोदी सरकार की मजबूत छवि निखरकर सामने आई है।

21 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का विपक्ष के पास नहीं मिला कोई जवाब
कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी के दौरान 2 महीने तक पूरा देश बंद रहा इस दौरान करोड़ों श्रमिक अपने-अपने राज्य पहुंचने के लिए परेशान हो गए। केंद्र सरकार के द्वारा श्रमिकों, किसानों, गरीबों, छोटे उद्योगों समेत देश के प्रत्येक नागरिक तक राहत पहुंचाने के लिए करीब 21 लाख करोड़ पर का राहत पैकेज घोषित किया।