
जयपुर। इस खबर में दिखने वाली तस्वीरें कोरोना फाइटर और दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के राजस्थान प्रदेश मुखिया, यानी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनियां (Satish Poonia) की हैं, जो पिछले 3 महिने से कोरोना वायरस (covid-19) से पीड़ित होने के कारण जिंदगी की जंग जीतने की जद्दोजहद में लगे हैं।
डॉ पूनियां पिछले 3 महीने से कोरोना वायरस से पीड़ित हैं। इस वैश्विक महामारी के कारण उन्होंने पहले घर पर इलाज करवाया। बाद में जब फेफड़ों में इन्फेक्शन बढ़ा तो उनको गुरुग्राम में स्थित मेदांता अस्पताल में भर्ती करवाया गया। वहां से डिस्चार्ज होने के बाद इंफेक्शन से निपटने और स्वास्थ्य लाभ के लिए डॉक्टरों ने उनको अगले 3 महीने किसी से भी मिलने से इंकार कर दिया।

किन्तु डॉ पूनियां हमेशा की भांति रुकने वाले नहीं थे। भागवत गीता में भगवान कृष्ण ने जीवन में चलते रहने-चलते रहने को कहा गया है। 25 दिसम्बर को भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन भी था, वे भी इसी सिद्धांत पर चलते थे। इसी का पालन करते भाजपा अध्यक्ष डॉ पूनियां बीमारी से उबरते हुए गुरुवार देर रात गरीब, असहाय, पीड़ित लोगों को कंबल वितरित करने शहर की सड़कों पर चल पड़े।
मजेदार बात देखिए, जहां डॉ पूनियां की इस सामाजिक सेवा से एक ओर उनको लोग साधुवाद दे रहे हैं, तो दूसरी तरफ इसी मौके पर सोशल मीडिया पर कई लोगों पोस्ट-कमेंट्स कर राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को आड़े हाथों ले लिया।

लोगों का कहना है कि भले ही अशोक गहलोत के समर्थक उनको जन नायक कहते हों, किन्तु गहलोत जहां कोरोना के डर से अपने मंत्रियों, विधायकों और जनता से दूरी बनाकर बैठे हैं, वहीं राज्य में विपक्ष के सबसे बड़े नेता 3 माह तक कोरोना से जिंदगी की जंग लड़ने के साथ ही अपनी जनसेवा के दायित्व को भी बखूबी निभा रहे हैं।
डॉ पूनियां का कहना है कि हमारी जिंदगी और मौत ऊपर वाले ने तय की है, जब आनी है, तब आनी ही है, लेकिन जनसेवा तो हम ही तय कर सकते हैं। सामाजिक प्राणी होने और सार्वजनिक जीवन में होने के कारण मेरा भी धर्म है कि तमाम लड़ाइयां लड़ते हुए अपने सामाजिक दायित्वों को भी अंजाम देता रहूं।