
नई दिल्ली
चीन के साथ भारतीय सेना की झड़प और भारत के 20 सैनिकों के शहीद होने के बाद एक बार फिर से चीन के सामानों का बहिष्कार करने के लिए सोशल मीडिया पर बहस चल पड़ी है।
चीन के बनाए हुए सामानों पर प्रतिबंध लगाने और सभी कारोबारी रिश्ते खत्म करने के लिए सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है, किंतु सबसे गंभीर और सोचने की बात यह है कि भारत के अधिकांश आर्थिक साम्राज्य पर चीन का कब्जा है।
मोटे तौर पर देखें तो भारत सरकार चाहे भी तो भी प्रतिबंध नहीं लगा सकती। भारत में आने वाली दवाइयों से लेकर मोबाइल फोन और ऑटोमोबाइल पार्ट्स लेकर खिलौनों तक पर काफी हद तक चीन का कब्जा है।
भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि चीन पर भारत की निर्भरता खत्म करना हमारा अंतिम लक्ष्य होना चाहिए। इसके लिए हम सबको बड़े पैमाने पर तैयारी करने की जरूरत है, किंतु इसको अचानक बंद करना कोई विकल्प नहीं है और यह संभव ही नहीं है।
पिछले साल की बात की जाए तो भारत के साथ चीन का आयात और निर्यात आंकड़ों में चीन हमसे काफी आगे है। भारत ने बीते वर्ष कुल 48000 करोड़ पर का आयात किया था।
इसमें से 6816 करोड रुपए यानी करीब 14% आयात किया गया था। दवा की बात की जाए तो इसके लिए कच्चा माल, यानि एपीआई के लिए भारत को चीन पर निर्भर रहना पड़ता है।
इस मार्केट पर चीन का करीब 70% कब्जा है। भारत की कुल एंटीबायोटिक्स की जरूरत का 73% चीन पूरा करता है।
भारत में बनने वाले इलेक्ट्रॉनिक सामान में से भी 60% उपकरणों इलेक्ट्रिक कार्यों में काम आने वाले सेमीकंडक्टर से लेकर डायोड जैसे करीब 66% पार्ट चीन से आते हैं।
देश में बनने वाली मोटरसाइकिल के अलावा साइकिल के भी 81 प्रतिशत से अधिक पार्ट्स चीन से आयात किए जाते हैं। मतलब यह स्पष्ट है कि भारत सरकार चाहे तो भी चीन के साथ कारोबारी रिश्ते एक झटके में खत्म नहीं कर सकती।
मोटे तौर पर देखा जाए तो भारत में 25 हज़ार करोड़ रुपये में से 12 हजार करोड़ के टेलीविजन बाजार पर चीन का कब्जा है। भारत हर साल 25000 करोड रुपए का टीवी कारोबार करता है, जिसमें टेलीविजन बाजार पर चीनी कंपनियों की हिस्सेदारी करीब 45% है।
देश में स्मार्टफोन की बात की जाए तो पूरे कारोबार करीब 200000 करोड़ रुपये का है, जिसमें से चीन की हिस्सेदारी 73% से अधिक है, यानी देखा जाए तो करीब 146 लाख करोड़ रुपए का कारोबार अकेला चीन करता है। इस तरह से डेढ़ लाख करोड़ के आसपास के स्मार्टफोन चीन भारत को निर्यात करता है।
इसी तरह से ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में भी चीन का बड़ा कब्जा है। भारत में ऑटोमोबाइल के कुल कलपुर्जों का बाजार 42700000 करोड रुपए का है, जिसमें से चीन की हिस्सेदारी करीब 26% है। चीन के द्वारा भारत को हर साल 100000 करोड रुपए के आसपास कलपुर्जे बेचे जाते हैं